भारत सरकार महिला कर्मचारियों के पेंशन कानून में नया नियम लाने जा रही है, आइये जानते हैं पूरी जानकारी।
Women Family Pension : ऐसा बहुत परिस्थितियों में देखा जाता है कि भारतीय परिवारों में वैवाहिक कलह के वजह से अलग होने के बावजूद भी अपने एम्प्लॉयमेंट पेंशन स्कीम के तहत केवल अपने पति को नॉमिनी रख सकती है लेकिन सरकार के इस नियम के अंतर्गत कामकाजी महिलायें अब अपने बच्चों को भी इसमें नामांकित कर सकती हैं।
पहले था ये नियम
केंद्रीय सिविल सेवा (Central Civil Service) 2021 नियम '50' के अंतर्गत किसी सरकारी कर्मचारी की रिटायरमेंट की अवस्था में मृत्यु के पश्चात् फेमिली पेंशन (Family Pension) का प्रावधान है। इस प्रावधान के तहत ये भी उल्लेख है कि किसी मृत सरकारी कर्मचारी के पति या पत्नी दोनों में कोई एक जीवित रहने की अवस्था में उसे पेंशन का पात्र माना जायेगा, जीवनसाथी के अलावा पेंशनभोगी के परिवार के अन्य सदस्य इस पेंशन के हक़दार नहीं होंगें, लेकिन अगर मृत पेंशनभोगी का जीवनसाथी फेमिली पेंशन लेने में असमर्थ हो या उसकी भी मृत्यु हो जाये तो परिवार के अन्य सदस्य फेमिली पेंशन (Family Pension) के लिए दावा (Claim) कर सकते हैं।
नए नियम के अनुसार महिला कर्मचारी पेंशन पति के बजाय योग्य बच्चे को हस्तांतरित कर सकती है।
डीओपीपीडब्ल्यू (The Department of Pension & Pensioners Welfare) के सचिव वी श्रीनिवास ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को जानकारी देते हुए बताया है कि कोई कारणवश महिला सरकारी कर्मचारी घरेलू कलह या आपसी मतभेद के दौरान तलाक की याचिका दाखिल करती है और याचिका की सुनवाई के दौरान घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम के तहत भारतीय दंड संहिता के अनुसार दोसी पाया जाता है तो उसके पति की पारिवारिक पेंशन का नामांकन किसी योग्य बच्चे के नाम पर हस्तांतरित किया जा सकता है।
डीओपीपीडब्ल्यू के अधिकारी ने कहा है कि यदि किसी महिला कर्मचारी के द्वारा अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा या दहेज से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाया है और पेंशनभोगी की तलाक की कार्यवाही अदालत में चल रही हो जिसका फैसला होने में विलम्ब हो सकता है ऐसी स्थिति में निषेध अधिनियम या भारतीय दंड संहिता के तहत महिला अपनी मृत्यु के बाद होनेवाले पेंशन का नामांकन अपने योग्य बच्चे के नाम कर सकती है।
महिला कर्मचारियों को सशक्त बनाने के लिए लिया गया फैसला
डिपार्टमेंट का कहना है कि महिला व बाल विकास मंत्रालय के परामर्श से पाए गए त्रुटियों को ध्यान में रखते हुए डीओपीपीडब्ल्यू ने ये संशोधन तैयार किया है। राजस्थान कैडर के 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी श्रीनिवास ने कहा इस संशोधन की प्रकृति प्रगतिशील होगी और यह पारिवारिक पेंशन पेंचीदे मामलों और आत्मनिर्भर महिला कर्मचारियों को और सशक्त बनाएगा।
0 टिप्पणियाँ