विदेश न्यूज़ : सऊदी अरब प्रवासी मजदूरों के सम्बन्ध में कुछ कड़े नियम लागू करने जा रहा है, यह नियम वहाँ काम कर रहे भारतीय तथा अन्य देशों से काम की तलाश में जाने वाले श्रमिकों के लिए समस्या दिला सकती है।
दरअसल अरब देश अपने वर्क वीजा के लिए इस बदलाव के जरिये बहार से आनेवाले उन मजदूरों को रोकना चाहता है जो कार्यकुशल नहीं होते हैं फिर भी वर्क वीजा लेकर सऊदी अरब देश में काम की तलाश के लिए जाते हैं।
अरब देश के श्रम मंत्रालय के मुताबिक इस नियम के अंतर्गत एक वेरिफिकेशन प्रोग्राम चलाया जायेगा और इस नियम को 160 से अधिक देशों पर लागू किया जायेगा, जानकारी के अनुसार अरब देश जानेवाले श्रमिकों को इस प्रोग्राम के तहत एक टेस्ट या कहें तो परीक्षा लिया जायेगा जिसमें पास होनेवाले मजदूरों को श्रमिक वीजा की अनुमति दी जाएगी।
सऊदी श्रम अधिकारियों के मुताबिक इस नियम को लाने का मुख्य उद्देश्य देश के श्रम बाजार को कंट्रोल करना है जिससे देश में सिर्फ कुशल श्रमिक का सही चुनाव हो सके और कार्य कुशलता के आभाव में प्रवासी मजदूरों को बेरोजगार ना भटकना पड़े।
इस नियम के अंतर्गत श्रमिकों को दो तरह के टेस्ट से गुजरना होगा जिसमे पहला प्रैक्टिकल (Practical Test) और दूसरा थेओरेटिकल (Theoretical Test) इन दोनों टेस्ट में पास होनेवाले मजदूरों को श्रमिक वीजा मंजूरी दी जाएगी।
इस प्रोग्राम को वेरिफिकेशन प्रोग्राम (Verification Program) के नाम से जाना जाता है, इसे साल 2023 के शुरुआत से जारी कर दिया गया है और अब तक दुनिया के 62 देशों पर लागू किया जा चुका है।
इस नियम का भारत पर प्रभाव
जैसा की हम सब जानते हैं भारत में श्रमिकों की संख्या अधिक है और काम की तलाश में भारतीय मजदूर प्रत्येक दिन विदेशी देशों के वर्क वीजा के लिए आवेदन करते हैं लेकिन सबसे ज्यादा मजदूर सऊदी अरब जाने की तैयारी करते हैं, इसलिए अगर सऊदी सरकार भारतीय मजदूरों के लिए कोई सख्त नियम बनाती है तो भारत में एक बड़ा मजदूर वर्ग प्रभावित होगा, लेकिन मजदूरों को एक बहुत बड़ा फायदा यह होगा की विदेशों में जाने के बाद इन्हें बेरोजगार भटकना नहीं पड़ेगा क्योंकि इस नए नियम के तहत विदेश जानेवाले मजदूरों की कार्य कुशलता की पूरी जाँच की जाएगी।
अरब देश के मानव संसाधन मंत्रालय के प्रमुख नवाफ उल अयादी ने बताया है की इस प्रोग्राम को प्लंबिंग, बिजली तथा अन्य टेक्निकल कंपनियों में काम करनेवाले मजदूरों के लिए लागू किया गया है, इस विरिफिकेशन प्रोग्राम की सूची में पाकिस्तान, भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश को पहले नम्बर पर रखा गया है क्योंकि सऊदी अरब में इन चार देशों के प्रवासी मजदूर की संख्या 75 फीसदी से ज्यादा है।
इस कार्यक्रम के प्रमुख श्री अयादी ने ये भी कहा कि प्रोग्राम के तहत श्रमिकों की डिग्री सत्यापन की जांच की जाएगी जिससे मजदूरों का सही पहचान की जा सके, इस प्रोग्राम को 62 देशों के लिए शुरू किया गया था आगे इसे कुल 160 देशों पर लागू करने का लक्ष्य रखा गया है।
सऊदी श्रमिक वीजा के नये नियम :
(A) इस देश में जाने के लिए किसी अविवाहित पुरुष या महिला की न्यूनतम उम्र 24 साल होना अनिवार्य होगा।
(B) 24 वर्ष से कम के अविवाहित महिला या पुरुषों को विदेशी कामगार में भर्ती होने की अनुमति नहीं होगी।
(C) लागू किये गए नियम के अनुसार कार्य वीजा निवेदन करने से पहले श्रमिकों को प्रैक्टिकल और थेओरेटिकल टेस्ट पास करना होगा।
विशेषज्ञों के अनुसार सऊदी सरकार के इस फैसले का भारत पर सबसे ज्यादा असर होगा क्योंकि भारत में बहुत बड़ी संख्या में श्रमिक सऊदी अरब जाते हैं और वर्तमान समय में सऊदी अरब भारतीय मजदूरों के लिए एक इम्प्लॉयमेंट हब बन चुका है।
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